बचपन से ही कुछ न कुछ लिखने पढ़ने का शौक रहा है और पता नहीं क्या लिखता था बस लिख लेता था। ये जो कुछ भी मैं नीचे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूॅ वो मेरी रचना है पता नहीं कविता है या क्या है पर है बचपन के श्याम नारायण रंगा की लिखी कुछ लाईनें। यह लाईनें 3.11.91 को तब लिखी जब मेरी आयु 16 वर्ष थी और मैं राजस्थान बाल मंदिर स्कूल में कक्षा दसवीं {ए} का विद्यार्थी था। यह रचना उस समय 26 जनवरी 1992 को राजस्थान बाल मंदिर की वाॅल मैग्जिन पर भी प्रकाषित की गई थी।
पेड़ संख्या बढ़ाओ, जनसंख्या घटाओ
इसी सिद्धांत से भारत देष को उन्नत बनाओं।
इसी से पर्यावरण प्रदूषण बचाओ,
भारत के वन्य जीवों को बचाओ।
जनसंख्या की कमी से भारत बने उन्नत,
यही हमारा मूलमंत्र, यही हमारी इज्जत।
भारत की गरीबी को, जनसंख्या की कमी से मिटाओ,
पेड़ लगाओ, जनसंख्या घटाओ।
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हिन्दू मुस्लिम सिक्ख और ईसाई,
हम सब भारत की संतान है।
हम सब मिलकर रहे,
इसीमें हमारी शान है।
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श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
पुष्करणा स्टेडियम के पास,
नत्थूसर गेट के बाहर,बीकानेर।
मोबाईल 9950050079
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Shyam Narayan Ranga श्याम नारायण रंगा |
पेड़ संख्या बढ़ाओ, जनसंख्या घटाओ
इसी सिद्धांत से भारत देष को उन्नत बनाओं।
इसी से पर्यावरण प्रदूषण बचाओ,
भारत के वन्य जीवों को बचाओ।
जनसंख्या की कमी से भारत बने उन्नत,
यही हमारा मूलमंत्र, यही हमारी इज्जत।
भारत की गरीबी को, जनसंख्या की कमी से मिटाओ,
पेड़ लगाओ, जनसंख्या घटाओ।
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हिन्दू मुस्लिम सिक्ख और ईसाई,
हम सब भारत की संतान है।
हम सब मिलकर रहे,
इसीमें हमारी शान है।
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श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
पुष्करणा स्टेडियम के पास,
नत्थूसर गेट के बाहर,बीकानेर।
मोबाईल 9950050079
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