Shyam Narayan Ranga श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ |
यह कविता है या नहीं मुझे नहीं पता पर एक कविता मानकर मैंने इस रचना को 3.01.1991 को लिखा था जब मैं राजस्थान बाल मंदिर स्कूल में कक्षा नौंवीं ए का विद्यार्थी था। उस समय मेरी उम्र 15 साल की थी। आज आप सबके सम्मुख मेरी उस समय की मतलब बालक श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ की रचना प्रस्तुत है। आपको जैसी भी लगे प्रतिक्रिया जरूर दें। जय जय भारत महान :-
जय जय भारत महान, जय भारत महान
पूर्व में है जिसके खेत और खलिहान,
पष्चिम में है राजस्थान, गाथा गाते जिसकी वीर महान।
उत्तर में है खड़ा हिमालय,
दक्षिण में सागर महान
कितना प्यारा है हमारा हिन्दुस्तान
जय जय भारत महान जय जय भारत महान।
राम बुद्ध की भूमि पर जब आए गांधी,
सत्य, अहिंसा की चला दी जिन्होंने आंधी,
सीखा जिनसे हमने त्याग और बलिदान
जय जय भारत महान जय जय भारत महान।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई रहते हैं जहां साथ साथ
द्वेष नहीं है जिनके मन में, प्रेम से चले हैं मिलाकर हाथ।
नहीं लडेंगे, साथ रहेंगे कर रहे हैं ये ऐलान,
जय जय भारत महान जय जय भारत महान।
-श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
Shyam Narayan Ranga "Abhimanue"
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