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Shyam Narayan Ranga holi bikaner Fakkardaata rammat bikaner |
बीकानेर में होली का आगाज फक्करदाता की रम्मत से होता है। नत्थूसर गेट के अंदर लाला बिस्सा की गली के सामने फूंभड़ों के पाटे पर इस रम्मत का मंचन किया जाता है। इस रम्मत में ख्याल लावणी चैमासा का गायन होता है। इस रम्मत में सबसे पहले भगवान गणेष का आगमन होता है।
आयो रे भोलो गणेषियो, दूध दही सूं न्हायो रे भोलो गणेषियो से पूरा चैक गूंजायमान हो जाता है। इस रम्मत में मदन जैरी, पुजारी बाबा, कन्नू रंगा सहित चैक के व चैक से बाहर के लोग हिस्सा लेते हैं। नगाड़ो की आवाज के साथ रम्मत जब शुरू होती है तो पास खड़े लोग झूमने लगते हैं। गणेष आगमन के बाद बोहरा बोहरी, जाट जाटणी का आगमन व मंचन होता है। इसके बाद ख्याल लावणी व चैमासा गाया जाता है। रात को बारह बजे के करीब यह रम्मत समाप्त हो जाती है। टी ई ई ई ई ई ई टरररर टरररर इस रम्मत का मूल स्वर है जो एक विषेष राग के साथ बच्चे बच्चे को याद है। यह रम्मत बीकानेर की होली की रम्मतों का आगाज है। रंगा ठाकुर जो अब इस दुनिया मे नहीं रहे, इस रम्मत के पुराने कलाकार थे जिनको आज भी लोग याद करते हैं।
आयो रे भोलो गणेषियो, दूध दही सूं न्हायो रे भोलो गणेषियो से पूरा चैक गूंजायमान हो जाता है। इस रम्मत में मदन जैरी, पुजारी बाबा, कन्नू रंगा सहित चैक के व चैक से बाहर के लोग हिस्सा लेते हैं। नगाड़ो की आवाज के साथ रम्मत जब शुरू होती है तो पास खड़े लोग झूमने लगते हैं। गणेष आगमन के बाद बोहरा बोहरी, जाट जाटणी का आगमन व मंचन होता है। इसके बाद ख्याल लावणी व चैमासा गाया जाता है। रात को बारह बजे के करीब यह रम्मत समाप्त हो जाती है। टी ई ई ई ई ई ई टरररर टरररर इस रम्मत का मूल स्वर है जो एक विषेष राग के साथ बच्चे बच्चे को याद है। यह रम्मत बीकानेर की होली की रम्मतों का आगाज है। रंगा ठाकुर जो अब इस दुनिया मे नहीं रहे, इस रम्मत के पुराने कलाकार थे जिनको आज भी लोग याद करते हैं।
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
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