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टूटेगी चैन तो हारेगा कोरोना

By SHYAM NARAYAN RANGA - Thursday, July 9, 2020 No Comments
Covid 19 Curfew In Bikaner
कोरोना महामारी के कारण बीकानेर शहर के बडे भाग में कफर््यू लगा दिया गया है। यह पहला मौका है जब बीकानेर में इतने बडे भूभाग पर कफर््यू लगा है। वैसे पिछले महीनों से यह शहर पूरे देश की तरह लाॅकडाॅउन की स्थिति से गुजर ही चुका है और शहर के कुछ कुछ हिस्सों में कफ्र्यू भी लग चुका है लेकिन इतने बडे पैमाने पर कफ्र्यू लगना शहर के लिए पहला अनुभव होगा। इस दौरान कफ्र्यू के क्षेत्र को जीरो मोबिलिटी भी घोषित किया गया है जिसका मतलब है कि लोग अपने घरों में रहेंगे। दूध और दवाई की सेवा सहित समय समय के हिसाब से परचून की दुकानें खुली रहेगी। वैश्विक महामारी कोरोना का यह दंश इस शहर को भी लगा है। पिछले दिनों में आए कोरोना पाॅजिटिव के आंकडों पर गौर करें तो यह बात सामने आती है कि घनी आबादी का यह शहर चाहते हुए भी अपने आप को इस महामारी से बचा नहीं सका और देखते ही देखते सैकड़ों लोग इस माहामरी की चपेट में आए गए। सामाजिक समरसता के इस शहर में लोगों का आपस में मिलना जुलना, सामाजिक रीति रिवाजों को निभाना, शादी विवाह के दौर सहित सगाई समारोह और मृत्यु भोज के आयोजनों ने इस फैलती महामारी के आग में घी का काम किया। मस्तमौला लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही महामारी ने इस शहर को अपनी चपेट में ले लिया। वैसे सब लोगों का शुरू में यह सोचना था कि बीकानेर में यह महामारी नहीं आने वाली। जब आई तो लोग सोचने लगे परकोटे में नहीं आएगी और जब परकोटे में संक्रमित लोगों का आना शुरू हुआ जब भी कुछ लोग यह सोचते रहे कि अभी अपने मौहल्ले में यह बीमारी नहीं आई है लेकिन देखते ही देखते कुछ ही दिनों मंे इस बीमारी ने शहर के हर गली, मौहल्ले, काॅलोनी को अपनी आगोश में ले लिया। फक्कड और अख्खड स्वभाव के लोग अब घबरा गए और प्रशासन और जिला विधायक सहित जिला कलक्टर से लोग प्रार्थना करने लगे कि अब शहर में कफ्र्यू लगा दिया जाए। लगातार उठ रही इस मांग को जिला प्रशासन ओर नगर विधायक , काबीना मंत्री ने गंभीरता से लिया। इस विषय पर शहर की बसावट और सामाजिक ताने बाने को ध्यान में रखकर इस सख्त निर्णय लिया गया और एक बडे क्षेत्र में कफ्र्यू दिया गया। यह समय पर लिया गया सही कदम साबित होगा। जैसे हर निर्णय के दो पहलू होते हैं वैसे ही इस निर्णय के भी सकारात्मक और नकारात्मक पहलू दोनों ही है। वर्तमान परिस्थिति को देखा जाए तो यह निर्णय लिया जाना जरूरी था। दूसरी तरफ वो लोग चिंतित है जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। जैसे थडी वाले गाडे वाले, दैनिक मजदूरी वाले मजदूर, सब्जी वाले, चाय की थडी लगाने वाला, आदि आदि। अगर हम पिछले दिनों के संक्रमित मरीजों पर गौर करें तो यह तथ्य सामने आते हैं कि पान की दुकान वाला, चाय की दुकान वाला, कचैरी समोसे बेचने वाला, पिचका पापडी बेचने वाले सहित दैनिक मजदूरी करने वाले और डाॅक्टर तथा आमजन कोरोना बीमारी से संक्रमित हुए हैं, तो ऐसे में जीवन की महत्ता पहली है बाकी सब बाद में है। अगर व्यक्ति जिंदा ही नहीं रहेगा या स्वस्थ ही नहीं रहेगा तो कैसे मजदूरी करेगा और कैसे अपने परिवार का पालन पोषण करेगा। जान है तो जहान है। जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय कोरोना संक्रमण की चैन तोडने में प्रभावी कदम होगा ऐसी आशा की जा रही है। आमजन को इससे राहत मिलेगी और इस दौरान बिजली, पानी, दूध, दवाई, परचून सहित अन्य अतिआवश्यक सेवाएं भी सुचारू रहेगी तथा आमजन को परेशानी नहीं होगी। जरूरत है आमजन को  आगे बढकर सहयोग देने की ताकि कोरोना को हराया जा सके। जयपुर में जो हालात रामगंज के हुए थे उससे बचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय आमजन के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा ऐसी उम्मीद है। जयजय बीकाणा। 
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
पुष्करणा स्टेडियम के पास
बीकानेर

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