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bachhi master g |
बात पुष्करणा स्टेडियम के निर्माण को लेकर हो रही थी तो ये सब जानते हैं कि पुष्करणा स्टेडियम का निर्माण तत्कालीन कद्दावर कांग्रेसी नेता स्वर्गीय गोकुल प्रसाद जी पुरोहित के अथक प्रयासों से ही हुआ था परंतु एक व्यक्तित्व और है जिसने पुष्करणा स्टेडियम के निर्माण का बिगुल बजाया था और जिसने तीन दिन तक भूख हड़ताल करके पुष्करणा स्टेडियम के निर्माण के विचार की नींव रखी थी वे शख्स थे स्वर्गीय श्री उदयकरण जी जागा जिनको पूरा शहर बच्ची मास्टर जी के नाम से आज भी याद करता है।
बच्ची मास्टर जी पुष्करणा स्कूल में खेल प्रषिक्षक के पद पर कार्यरत थे और खेल व खिलाड़ियों के लिए उनका जीवन समर्पित था। पुष्करणा स्कूल जो शहर के बीच स्थित है उसमें महाराजा सार्दुलसिंह जी का नाम भी जुड़ा है जो बीकानेर के अंतिम महाराजा थे और जिन्होंने भारत संघ में बीकानेर का विलय अपने हस्ताक्षरों से किया था। इन्हीं राठौड़ राजपूत महाराजा ने राजकीय सार्दुल पुष्करणा स्कूल के विद्यार्थियों के लिए खेल मैदान के रूप में जमीन आवंटित की थी जो वर्तमान में पुष्करणा स्टेडियम है। जमीन तो आवंटित हो गई परंतु चार दिवारी का निर्माण नहीं हुआ था और खुली जमीन के मैदान पर ही स्कूल के खेल प्रषिक्षक बच्ची मास्टर जी खिलाड़ियों को अभ्यास करवाते थे। कालांतर में आजादी के बाद इसी मैदान की जमीन पर तत्कालीन नगर विकास न्यास से आवासीय पट्टे काट कर जमीनें आवंटित कर दी थी। यह बात जब शहर के लोगों को पता चली तो उसका विरोध हुआ लेकिन पुरजोर विरोध किया पुष्करणा स्कूल के खेल प्रषिक्षक उदयकरण जी जागा उर्फ बच्ची मास्टर जी ने। एक खेल प्रषिक्षक के दिमाग में यह बात चोट कर गई कि शहर के सबसे पास स्थित इस खुले मैदान में शहर की खेल प्रतिभाएं तराषी जाती है और अब सरकारें अपने स्वार्थ के लिए इस खेल मैदान को समाप्त कर रही है। भावुक व समर्पित बच्ची मास्टर जी ने विरोध स्वरूप भूख हड़ताल शुरू कर दी इस मांग के साथ की स्कूल की इस जमीन को खेल मैदान के रूप में छोड़ा जाय। मास्टर जी शहर के परम आदरणीय व्यक्तित्व थे और उनके साथ उनके षिष्यों ने भी इस विरोध में भाग लिया। जब यह बात तत्कालीन समर्थ राजनेता गोकुल प्रसाद जी पुरोहित तक पहुॅंची तो उन्होंने अपने राजनैतिक ताकत से इस जमीन पर आवंटित नगर विकास न्यास के पट्टों को रद्द करवाया और बच्ची मास्टर जी को भूख हड़ताली समाप्त करने के लिए राजी किया। उसी समय उन्हीं दिनों पुष्करणा स्टेडियम की चार दिवारी का निर्माण तत्कालीन समाजसेवियों के नेतृत्व में हुआ और लोग कहते हैं कि स्टेडियम की जमीन के पास ही शहर की चार दिवारी मतलब बुर्ज थे उनके ऊपरी हिस्से के रोड़े व चूने को तोड़ कर पुष्करणा स्टेडियम की चार दिवारी की नींव भरी गई और चार दिवारी का निर्माण ईंटों से किया गया। इस तरह एक गैर पुष्करणा बही भाट जाति के समर्पित खेल व्यक्तित्व सम्मानीय बच्ची मास्टर जी के प्रयास से ही पुष्करणा स्टेडियम के निर्माण की नींव पड़ी और आज समाज का यह विषाल खेल मैदान हमारे सामने हैं। कालांतर में बच्ची मास्टर जी के षिष्यों ने बच्ची मास्टर जी की मूर्ति स्टेडियम में स्थापित करने की बात भी कही जो जायज भी है। धन्य थे ऐसे लोग जो जाति पाति के बंधन से ऊपर खेल के प्रति समर्पित थे। नमन।
1 One Comment " तीन दिन भूख हड़ताल की थी बच्ची मास्टर जी ने पुष्करणा स्टेडियम के लिए "
Thanks for your information. I have been Visiting Bikaner and visit the stadium. It's wonderful to know about the stadium. Now got the history. Thanks for bringing game culture in reality.
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