बचपन से ही कुछ ना कुछ लिखकर रख लेने की आदत थी फिर स्कूल समय से ही रचनाएॅं लिखता रहा हूॅं। आज काफी समय बाद मौका मिला अपने ब्लाॅग पर इन रचनाओं को आप सबके सम्मुख रखने का तो मेरा यह बचपन का प्रयास आप सबके सामने रख रहा हूॅं। इन्टरनेट के इस युग में जो है जैसा है बिना सम्पादित रखने का अधिकार सबको मिला है बस आपसे निवेदन है कि पढ़ते वक्त यह याद रखे कि जब मैंने यह लिखा जब मेरी उम्र 17 साल की थी और दिनांक 31.1.1993 को लिखा गया था और उस समय मैं राजस्थान बाल मंदिर स्कूल में जूनियन हायर सैकेण्डरी वाणिज्य वर्ग का विद्यार्थी था।
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shyam Narayan Ranga |
भारत भूमि तुझे प्रणाम, जय जननी मां तुझे प्रणाम,
नमन करते तुम्हे हम बालक तुच्छ, तू है कितनी महान,
अहिंसा का मार्ग जिसने दिखलाया, गौतम गांधी वो कहलाया,
शांति संदेष विष्व में लेकर जो घूमे वो थे नेहरू महान,
भारत भूमि तुझे प्रणाम, जय जननी माॅं तुझे प्रणाम,
सपूत दिए तूने दुनिया को, सही मार्ग तूने दिखलाया,
लेकर तेरा आषीष हम खड़े हैं विष्व में सीना तान
तेरी गरिमा बचाने को हो जाएंगे हम कुर्बान
भारत भूमि तुझे प्रणाम, जय जननी मां तुझे प्रणाम
तेरी रक्षा हम करेंगे करते हैं हम ये ऐलान,
जान दे देंगे, न मिटने देंगे तेरी आन, तू है महान,
नमन करते तुम्हे हम बालक तुच्छ, तू है बहुत महान,
तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम।
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
नत्थूसर गेट के बाहर
पुष्करणा स्टेडियम के पास
बीकानेर
मोबाईल 9950050079
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