भारतीय लोकतंत्र ने वर्तमान में दिल्ली का जो परिणाम देखा उसको देखकर सबको आष्चर्य हो रहा है कि ऐसा भी होता है। जी हां ये ही है लोकतंत्र में जनभावना कि जनता जब जिसके साथ होती है तब दिल खोलकर होती है। ये जन तंत्र है जिसमें तंत्र का निर्माण जनता स्वयं करती है ताकि उसके प्रतिनिधि उस पर राज कर सके। इस देष में लोकतंत्र को लागू हुए सात दषक का समय हो रहा है परंतु लोक को अपना तंत्र नजर नहीं आ रहा। भारतीय लोक हमेषा किसी न किसी रोल माॅडल को अपनाता रहा है। चाहे राजनीति में गांधी की बात करें या नेहरू की या इंदिरा की या अटल की, समय समय पर भारतीय जन ने अपने नायकों का चुनाव किया है और उनसे उम्मीदें की है। वर्तमान समय मोदी व अब केजरीवाल का है। नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को जो परिणाम लोकसभा में मिला उससे कहीं ज्यादा उत्साहित परिणाम दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल को मिला। ये दोनों की परिणाम हताष जनता के उत्साहित परिणाम नजर आते हैं।
वर्तमान में पिछले तीन दषक से भारतीय जन मानस में अपनी राजनीति के प्रति एक निराषा का माहौल पैदा हुआ है। नकारात्मक मीडिया व नकारात्मक भाषणों ने देष की जनता के मन में राजनीति की नकारात्मक छवि प्रस्तुत की है जिस देष में हुए घोटालों ने आग में घी का काम किया है। ऐसा नहीं है कि इस देष ने पिछले सात दषकों में प्रगति नहीं की है या देष गर्त में गया है परंतु जनता के मन में यह बात घर कर गई है कि राजनीति अच्छे लोगों का काम नहीं है और राजनेता एक ऐसा वर्ग है जो देष को लुटने का काम करता है। इसी निराषा के माहौल में इस देष में अन्ना हजारे ने एक आंदोलन किया भ्रष्टाचार के खिलाफ और इसी आंदोलन के समुद्र मंथन से निकला अरविंद केजरीवाल। हाथ में भ्रष्टाचार के खिलाफ झण्डा लिए हुए और आम आदमी की टोपी पहनकर आम आदमी के दिल की बात अपनी जुबान पर लाकर अरविंद केजरीवाल आम आदमी की आवाज बन गया। इस देष के आम आदमी ने इस अरविंद केजरीवाल के रूप में अपना एक नया नायक नजर आया और दिल्ली की जनता ने दिल खोलकर अपने नायक का स्वागत किया। इसी का परिणाम था कि पिछले चुनावों में जनता अपने नायक को जो समर्थन नहीं दे पायी उसी जनता ने मुक्त हस्त ने अपने नायक के हाथ मजबूत किए हैं।
एक हताष जनता को उत्साहित नायक नजर आया जिसने बिजली पानी सड़क और ऐसे ही छोटे छोटे मुद्दों पर अपनी बात कही और दैनिक दिनचर्या से जुड़े मसलों पर जनता को आकर्षित किया।आम आदमी के चारों और जो निराषा का माहौल है उसी निराषा के माहौल में एक उजाले की किरण है अरविंद केजरीवाल। फास्ट फूड के इस जमाने मंे जनता को भी फास्ट परिणाम की आषा है। पिछले लोकसभा चुनावों में दिल्ली की जनता ने सभी सीटें भाजपा को दी और सिर्फ नौ माह में जनता को अपनी उम्मीदों के अनुसार परिणाम नहीं मिले तो विधानसभा में 70 में से 67 सीटें आम आदमी पार्टी को दे दी। अब जब इतनी बड़ी जीत है और इतना बड़ा समर्थन है तो उम्मीदें भी बड़ी है कि हमारा नायक सब समस्याओं का समाधान कर देगा। लोगों को उम्मीद है कि आम आदमी का ये प्रतिनिधि हमारी सब समस्याओं को हर लेगा। जनता ने हमेषा किसी नेता या पार्टी को नहीं अपनी उम्मीदों को वोट दिया है और जनता ने हराया कभी किसी को नहीं सिर्फ अपनी इच्छाओं और कामनाओं को जिताने की कोषिष की है। ये जनता का मन है कि इतने सालों से इन सबको देख ही रहे हैं तो क्यों न एक बार एक नए नायक पर भी दांव खेला जाए और खुल कर खेला जाए ताकि किसी जगह अड़चन न हो। अब नया नायक अपनी निराष जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है यह तो आने वाला समय बताएगा पर इतना जरूर है कि जनता ने अपना काम कर दिया उत्साह से अब काम जननायक को करना है।
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ बीकानेर
mob. 9950050079
वर्तमान में पिछले तीन दषक से भारतीय जन मानस में अपनी राजनीति के प्रति एक निराषा का माहौल पैदा हुआ है। नकारात्मक मीडिया व नकारात्मक भाषणों ने देष की जनता के मन में राजनीति की नकारात्मक छवि प्रस्तुत की है जिस देष में हुए घोटालों ने आग में घी का काम किया है। ऐसा नहीं है कि इस देष ने पिछले सात दषकों में प्रगति नहीं की है या देष गर्त में गया है परंतु जनता के मन में यह बात घर कर गई है कि राजनीति अच्छे लोगों का काम नहीं है और राजनेता एक ऐसा वर्ग है जो देष को लुटने का काम करता है। इसी निराषा के माहौल में इस देष में अन्ना हजारे ने एक आंदोलन किया भ्रष्टाचार के खिलाफ और इसी आंदोलन के समुद्र मंथन से निकला अरविंद केजरीवाल। हाथ में भ्रष्टाचार के खिलाफ झण्डा लिए हुए और आम आदमी की टोपी पहनकर आम आदमी के दिल की बात अपनी जुबान पर लाकर अरविंद केजरीवाल आम आदमी की आवाज बन गया। इस देष के आम आदमी ने इस अरविंद केजरीवाल के रूप में अपना एक नया नायक नजर आया और दिल्ली की जनता ने दिल खोलकर अपने नायक का स्वागत किया। इसी का परिणाम था कि पिछले चुनावों में जनता अपने नायक को जो समर्थन नहीं दे पायी उसी जनता ने मुक्त हस्त ने अपने नायक के हाथ मजबूत किए हैं।
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SHYAM NARAYAN RANGA |
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ बीकानेर
mob. 9950050079
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