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कौन करेगा पंचायती, गोविंद या अर्जुन

By SHYAM NARAYAN RANGA - Monday, May 13, 2024 No Comments


भारत में वर्तमान में देश की सबसे बडी पंचायत के लिए चुनाव हो रहे हैं। विभिन्न चरणों में हो रहे इस चुनाव में कांग्रेस बीजेपी सहित समस्त राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनैतिक दल पूरे जोश खरोश व ताकत के साथ मैदान में है। बीकानेर में भी यह चुनाव प्रथम चरण में ही सम्पन्न हो चुका है। कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरकार के केबिनेट मंत्री रहे गोेविंद मेघवाल को मैदान में उतारा वहीं बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री और तीन बार  बीकानेर से सांसद रहे अर्जुनराम मेघवाल पर ही दाव खेला। चूंकि दोनों ही अपने अपने क्षेत्र के कददावर राजनेता माने जाते हैं इसलिए चुनावी मुकाबला भी आसान नहीं था। बीजेपी कांग्रेस संगठन सहित दोनों उम्मीदवारों ने भी पूरी ताकत के साथ यह चुनाव लडा। खास बात यह रही कि कांग्रेस का संगठन भी इस चुनाव में पूरी मेहनत करता नजर आया। जहां भाजपा को केडरबेस पार्टी माना जाता है और भाजपा के लिए यह खास बात नहीं होती कि संगठन पूरी तरह मैदान में उतरे वहीं कांग्रेस जैसे मासबेस संगठन ने भी इस बात एक मंच पर आकर पूरी अपनी उपस्थिति दर्ज ही नहीं कराई वरन पूरी शिद्दत से काम भी किया। कांग्रेस के प्रदेश स्तर के बडे नेता बीडी कल्ला अपने क्षेत्र में अपनी टीम के साथ गली गली घूमते नजर आए और पश्चिम बीकानेर में एक कार्यालय खोलकर वहां से चुनाव संचालित किया। इसी तरह गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री रहे भंवरसिंह भाटी ने भी पूरी मेहनत के साथ चुनाव में काम किया। लूणकरणसर के बडे लीडर वीरेन्द्र बेनीवाल को राजी किया गया और इसी तरह मंगलाराम गोदारा, बडे जाटनेता रामेश्वर डूडी की पत्नी विधायक सुशीला डूडी और उनकी टीम भी मैदान में पसीना निकालती नजर आई। अनूपगढ विधायक शिमला नायक भी पूरे उत्साह के साथ चुनाव में काम कर रही थी। पार्टी के शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत व देहात अध्यक्ष विशनाराम भी दिनरात मेहनत में जुटे थे। उधर बीजेपी में अगर गौर किया जाए तो अर्जुनराम मेघवाल खुद केन्द्र में मंत्री है तो उनके साथ उनकी टीम ने पूरी ताकत चुनाव में झोंक रखी थी। शहरी क्षेत्र में सत्यप्रकाश आचार्य और उनकी टीम ने कमान संभाल रखी थी। जहां भाजपा संगठन फील्ड में काम कर रहा था वहीं क्षेत्र के विधायक ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए। लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी के कुछ विधायक तो खानापूर्ति करते ही नजर आ रहे थे। पर परम्परा की तरह भाजपा का संगठन आरएसएस के साथ पूरी ताकत से लगा हुआ था। चुनाव विशलेषकों का मानना है कि बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में किसी समय जो हालत कांग्रेस की थी वर्तमान चुनाव में वो हालत भाजपा की नजर आई। फिर भी गोविंद मेघवाल और अर्जुनराम मेघवाल ने चुनाव को रोचक बनाकर रखा और आज तक वोटर यह बता नहीं पा रहा है कि चुनाव जितेगा कौन। 

बीकानेर के चौक, गलियों, मौहल्लों और पाटों पर आजकल यह चर्चा आम नजर आती है कि लोग एक दूसरे से पूछते हैं कि आखिर जितेगा कौन। पाटे पर चर्चा करने वाले लोगों की राय है कि अर्जुनराम मेघवाल के पास अपना काम गिनाने के लिए भले ही कुछ खास न था और न ही केन्द्रीय मंत्री होने के नाते वो कोई बडा काम बीकानेर में करवा सके बावजूद इसके मोदी के नाम पर और राम मंदिर के नाम पर भाजपा ने यह चुनाव शानदार लडा है।वहीं कुछ लोगों की राय है कि गोविंद मेघवाल बडबोले हैं और जातिगत टिप्पणियों के कारण हमेशा चर्चा में रहे और इसी कारण खाजूवाला में उनकी हार हुई लेकिन फिर भरी क्षेत्र के मतदाता ने गोविंद मेघवाल को गंभीरता से लिया और ऐसी छोटी मोटी बातों को नजरअंदाज भी किया है। गोविंद मेघवाल अपनी टिप्पणीयों के कारण आमजन से माफी भी मांगते घूम रहे थे और अर्जुनराम मेघवाल जयश्रीराम के नारे के साथ मोदी की गारंटी की चर्चा पूरे चुनाव में करते रहे। चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले वोटों की कम कास्टिंग को एक वर्ग  लोग कांग्रेस लिए अच्छा मान रहा है तो एक वर्ग कम कास्टिंग को अर्जुनराम मेघवाल के जीत के अंतर को कम करने की दृष्टि से भी देख  रहा है। उम्मीदवारों से बात करने पर यह साफ होता है कि अर्जुनराम मेघवाल शहरी मतदाताओं को लेकर आशान्वित है तो गांविंदराम मेघवाल ग्रामीण मतदाताओं को लेकर उत्साह में नजर आते हैं। चुनावी पंडितों का भी मानना है कि बीकानेर पूर्व व पश्चिम शहरी मतदाता मोदी की गारंटी पर बटन दबाकर आए हैं, ऐसा लगता है  और ग्रामीण मतदाता ने कांग्रेस की न्याय सहित अन्य गारंटियों पर विश्वास जताया है। अब परिणाम का उंट किस करवट बैठता है यह तो चार जून को ही पता लगेगा पर यह जरूर है कि दोनों की पार्टीयां और उनके समर्थक सकारात्मक है। यह तो सब जगह चर्चा है कि टक्कर एकतरफा नजर नहीं आ रही थी, टक्कर जोरदार रही। अब देखना यह है कि बीकानेर से देश की सबसे बडी पंचायत में किसे पंचायती करने का अधिकार मिलता है।


Shyam Narayan Ranga

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