Flash

तुम्हे नमन मेरा

By SHYAM NARAYAN RANGA - Thursday, July 2, 2015 No Comments
ये रचना मैनंे 18.01.98 को तब लिखी थी तब लिखी थी जब मैं राजकीय श्री डूॅंगर महाविद्यालय बीकानेर में विधि प्रथम वर्ष का छात्र था। उस समय मेरी उम्र 22 साल की थी।





ऐ वीर शहीदों तुम्हें नमन मेरा
तुम्हारे ही बलिदान से खिला है चमन मेरा
ऐ वीर शहीदों तुम्हे नमन मेरा।

भारत मां की चित्कार पर,
देशवासियों की आह पर,
दौड़ पड़े हिन्दुस्तानी और दे दी कुर्बानी,
उन हिन्दुस्तानियों को उन कुर्बानियों को नमन मेरा,
उनकी ही कुर्बानी से महक रहा है उपवन मेरा।
ऐ वीर शहीदों तुम्हें नमन मेरा।

बापू की आवाज पर सुभाष की पुकार पर,
दौड़ पड़े दिवाने,
बिना जाति धर्म का भेद किए,
मिट गए परवाने,
उन दिवानों को उन परवानों को नमन मेरा,
उनके बलिदान से धधक रहा है दिपक मेरा,
ऐ वीर शहीदों तुम्हें नमन मेरा,
तुम्हारे ही बलिदान से खिला है चमन मेरा।

श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’
पुष्करणा स्टेडियम के पास,
नत्थूसर गेट के बाहर,
बीकानेर - 334004
मोबाईल 9950050079

Tags:

No Comment to " तुम्हे नमन मेरा "